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fertilizer subsidy 2023: खाद के रेट हुये कम रासायनिक खाद पर सब्सिडी लागू; यहा देखे नये रेट|

fertilizer subsidy 2023 जानें खरीफ सीजन के लिए किस भाव में मिलेगी खाद और कितनी देनी होगी कीमत

fertilizer subsidy 2023 खरीफ सीजन 2022 की शुरूआत हो चुकी है। देश के हर क्षेत्र के किसान खरीफ फसलों की तैयारी में जुटे हुए हैं। खरीफ फसलों की बुवाई के लिए किसान बीज से लेकर खाद तक सब की तैयारी करता नजर आ रहा है। ऐसे में देश के करोडों किसानों को केन्द्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल के भाव में बढ़ोतरी के बाबजूद केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी इफको ने वर्ष 2022 में खरीफ सीजन के लिए उर्वरक की कीमतों में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की है। पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी सभी प्रकार के उर्वरकों का मूल्य समान रहेगा। जानकारी के लिए बता दें कि केन्द्र सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी इफको द्वारा खाद मूल्य निर्धारित किया जाता है तथा उसी भाव में किसानों को खाद बेची जाती है। वहीं इन खादों की खरीद पर सरकार सब्सिडी भी देती है, जिससे किसानों को ज्यादा कीमत भी नहीं चुकानी पड़ती है। आपको बता दें कि सरकार की तरफ से खाद के लिए सालाना 2.25 लाख करोड़ की सब्सिडी दी जाती है।

इस समय खाद पर कितनी मिल रही सब्सिडी

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उर्वरकों के मूल्य को स्थिर रखने के लिए 60,939 करोड़ खर्च करेगी सरकार

इफको के अनुसार अंतराष्ट्रीय स्तर पर रासायनिक उर्वरकों के मूल्य में काफी वृद्धि के बावजूद भी देश में कीमत को स्थिर रखा गया है। केंद्र सरकार ने इस वर्ष पीएंड के आधारित उर्वरकों के मूल्य को स्थिर रखने के लिए कंपनियों को भारी सब्सिडी देने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार वर्ष 2022 के खरीफ सीजन के लिए 60,939 करोड़ रुपए की सब्सिडी देगी, जो इस वर्ष के खरीफ मौसम के दौरान लागू रहेगी। fertilizer subsidy 2023

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अब नहीं होगा खाद की कीमतों में इजाफा Now there will be no increase in the prices of fertilizers

मीडिया रिपोर्ट्स मुताबिक किसानों के लिए एक अच्छी खबर यह भी है कि खाद की कीमतों में इजाफा नहीं देखने को मिलेगा, इसके संकेत केंद्रीय रसायन मंत्री मनसुख मडाविया ने दिए थे। उन्होंने कहा था हाल ही में उर्वरकों के दाम में बीते दिनों हुई बढ़ोतरी से किसानों की रक्षा हेतु केन्द्रीय बजट 2022-23 में पहले ही स्वीकृत 1.05 लाख करोड़ रूपये के अलावा 1.10 लाख करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा था कि देश में यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता है। हमारे पास दिसंबर तक घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए यूरिया का भंडार है। हमें दिसंबर तक आयात करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, खरीफ बुआई सत्र के लिए सरकार ने पहले ही 30 लाख टन डीएपी और 70 लाख टन यूरिया सहित उर्वरक की पहले से ही व्यवस्था कर चुकी है। हम खरीफ सत्र की जरूरतों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और जरूरत के अनुसार आगे और खरीद करेंगे। इससे साफ जाहिर होता है कि देश में पर्याप्त मात्रा में खाद का स्टॉक है और कीमतों में भी बढ़ोत्तरी नहीं होगी।

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देश में उर्वरक का आयात import of fertilizers in the country

देश में उर्वरक का उत्पादन जरूरत से कम होता है। इसके कारण सभी प्रकार के उर्वरकों का आयात करना पड़ता है। खरीफ तथा रबी सीजन की सभी फसलों के लिए रासायनिक उर्वरक की आवश्यकता होती है। रासायनिक खादों में सबसे ज्यादा यूरिया का उपयोग किया जाता है। वर्ष 2020-21 के आंकड़ों पर नजर ड़ाले तो देश में यूरिया की 350.51 लाख टन, डीएपी 119.18 लाख टन, एनपीके 125.82 लाख टन तथा एमओपी 34.32 लाख टन की आवश्यकता थी। उर्वरक का उत्पादन जरूरत से कम होने केकारण आयातित उर्वरक का मूल्य अंतराष्ट्रीय बाजार के अनुसार रहता है। वर्ष 2020-21 में विभिन्न प्रकार के उर्वरक का आयात इस प्रकार है। यूरिया – 98.28 लाख टन , डीएपी – 48.82 लाख टन, एनपीके – 13.90 लाख टन, एमओपी- 42.27 लाख टन उर्वरक का आयात किया गया था। fertilizer subsidy 2023

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